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निर्देश अंकः  200518/07/1.2.0

           दिनांकः 18-05-2020

अन्दरुनी संचार

प्रेषकः रमेश कुमार जांगड़ा, राष्ट्रीय महासचिव

          प्राप्तकर्ता ः सभी शाखा अध्यक्ष

विषय ः शाखा अध्यक्षों की कार्यप्रणाली

निर्देशः

 प्रथम चरणः

- शाखा अध्यक्ष कार्यालय के लिये स्थान निश्चित करें व जिला कार्यालय को सूचित करें।

- प्रत्येक शाखा अध्यक्ष अपने शाखा की कार्यकारिणी का निर्माण (फार्म P071 के अनुसार) करें।

- हर पदाधिकारी प्राथमिक सदस्य हो। (रु 10)

- हर पदाधिकारी को सदस्यता की विधि (P108 के अनुसार) व सदस्यता शुल्क का ज्ञान हो।

- सभी नए पदाधिकारीयों की जानकारी जिला अध्यक्ष को रजिस्ट्रेशन के लिये भेजें।

- शाखा के उपाध्यक्ष प्रत्येक पार्षद क्षेत्र से नियुक्त हो।

- कार्यकारिणी में पार्षद क्षेत्रों से दो दो कार्यकारिणी सदस्य अवश्य लें।

- महासचिव, कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री, कानूनी सलाहकार, मीडीया प्रभारी, आडिटर अवश्य नियुक्त करें व काम सोंपें। अन्य पदों पर नियुक्ति आवश्यकतानुसार करें।

- शाखा अघ्यक्ष एक महीने में कार्यकारिणी का निर्माण सम्पन्न करें, जिसमें कम से कम 11 सदस्य हों।

- सभी पदाधिकारी राष्ट्रीय कार्यालय से पंजीकृत होने चाहियें।

 द्वितीय चरणः

- शाखा अघ्यक्ष सदस्यता की औपचारिकताओं को पूरा करके शाखा के अधिकृत अघिकारी के रूप में कार्यभार संभाल सकता है।

- कार्यालय में प्रयोग की जाने वाली स्टेशनरी राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा दिये गये प्रारूप के अनुसार ही हों, यदि कोई नया आयोजन करना है तो राष्ट्रीय कार्यालय से मंजूरी आवश्यक है।

- शाखा अघ्यक्ष कार्यकारिणी बनने के बाद सदस्याें के साथ एक बैठक करके यह अधिनियम पास करें कि महासंगठन के आर्थिक कार्याें के लिये एक बैंक खाता खोला जाए (हो सके तो SBI में) और प्रदेश कार्यालय को सोंपे, ताकि बैंक अकाउन्ट खोलने की प्रक्रीया आरम्भ की जाए।

- शाखा अघ्यक्ष के पास अपने क्षेत्र का विस्तृत मानचित्र होना चाहिये।

- सभी सदस्यों का रिकार्ड भली प्रकार से (फार्म P074 के अनुसार) रखा जाए।

  तृतीय चरणः

- शाखा अध्यक्ष पदाधिकारियों की मीटिंग प्रति माह जरूर करें।

- हर मीटिंग में निम्न बिन्दुओं की समीक्षा हो।

-- संगठन की निर्माण प्रगति, रिक्त स्थानों के भरने के लिये प्रयास।

-- प्राथमिक सदस्यता अभियान की समीक्षा।

-- मानचित्र के अनुसार सारी योजना बनाएं।

-- हर मीटिंग में विधान सभा क्षेत्र अघ्यक्ष व सभी पार्षद क्षेत्र अध्यक्ष अपनी टीम के साथ सम्मिलित हों।

-- क्षेत्र में समाज की व्यापक समस्याएं जा संगठन तक पहुँची हैं, हल करने की जिम्मेदारी सोंपें व जरूरी सहायता उपलब्ध कराएं।

-- अन्य बिन्दु जो चर्चा के दौरान उठे हों।

- हर मीटिंग की रिपोर्ट (P072) उच्च अघिकारियों से साझा करें। किसी प्रकार की सहायता चाहिये तो स्पष्ट उल्लेख करें।

जय भारत, जय श्री विश्वकर्मा

धन्यवाद

 

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निर्देश अंकः  200518/06/1.2.0

           दिनांकः 18-05-2020

अन्दरुनी संचार

प्रेषकः रमेश कुमार जांगड़ा

           प्राप्तकर्ता ः सभी जिला अध्यक्ष

विषय: जिला अध्यक्षों की कार्यप्रणाली

निर्देशः

 प्रथम चरणः

- जिला अध्यक्ष जिले के कार्यालय के लिये स्थान निश्चित करें व प्रदेश कार्यालय को सूचित करें।

- प्रत्येक जिला अध्यक्ष अपने जिले की कार्यकारिणी का निर्माण (फार्म P071 के अनुसार) करें।

- हर पदाधिकारी प्राथमिक सदस्य हो। (रु 10)

- हर पदाधिकारी को सदस्यता की विधि (P108 के अनुसार) व सदस्यता शुल्क का ज्ञान हो।

- सभी नए पदाधिकारीयों की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष को रजिस्ट्रेशन के लिये भेजें।

- जिले में प्रत्येक विघान सभा क्षेत्र में एक शाखा कार्यकारिणी का गठन करना है।

- जिले कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष व दो दो कार्यकारिणी सदस्य प्रत्येक शाखा क्षेत्र से अवश्य लें।

- उपाध्यक्ष की मदद से शाखा अध्यक्ष का चयन करे व उन्हे भी कार्यकारिणी का गठन करने का कार्य सोंपें।

महासचिव, कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री, कानूनी सलाहकार, मीडिया प्रभारी, आडिटर अवश्य नियुक्त करें व काम सोंपें। अन्य पदों पर नियुक्ति आवश्यकतानुसार करें।

- जिला अघ्यक्ष एक महीने में कार्यकारिणी का निर्माण सम्पन्न करें, जिसमें कम से कम 11 सदस्य हों।

- सभी सदस्य राष्ट्रीय कार्यालय से पंजीकृत हों।

 द्वितीय चरणः

- जिला अघ्यक्ष सदस्यता की औपचारिकताओं को पूरा करके प्रदेश के अधिकृत अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाल सकता है।

- कार्यालय में प्रयोग की जाने वाली लेखन सामग्री राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा दिये गये प्रारूप के अनुसार ही हों, यदि कोई नया आयोजन करना है तो राष्ट्रीय कार्यालय से मंजूरी आवश्यक है।

- जिला अघ्यक्ष कार्यकारिणी बनने के बाद सदस्याें के साथ एक बैठक करके यह अधिनियम पास करें कि महासंगठन के आर्थिक कार्याें के लिये एक बैंक खाता खोला जाए (हो सके तो SBI में) और प्रदेश कार्यालय को सोंपे, ताकि बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया आरम्भ की जाए।

- जिला अघ्यक्ष के पास अपने क्षेत्र का विस्तृत मानचित्र होना चाहिये।

- सभी सदस्यों का विवरण भली प्रकार से (फार्म P074 के अनुसार) रखा जाए।

  तृतीय चरणः

- जिला अध्यक्ष पदाधिकारियों की बैठक प्रति माह जरूर करें।

- हर मीटिंग में निम्न बिन्दुओं की समीक्षा हो।

-- संगठन की निर्माण प्रगति, रिक्त स्थानों के भरने के लिये प्रयास।

-- प्राथमिक सदस्यता अभियान की समीक्षा।

-- मानचित्र के अनुसार सारी योजना बनाएं।

-- क्षेत्र में समाज की व्यापक समस्याएं जो संगठन तक पहुँची हैं, हल करने की जिम्मेदारी सोंपें व जरूरी सहायता उपलब्ध कराएं।

-- अन्य बिन्दु जो चर्चा के दौरान उठे हों।

- हर बैठक की रिपोर्ट (P072) उच्च अघिकारियों से साझा करें। किसी प्रकार की सहायता चाहिये तो स्पष्ट उल्लेख करें।

जय भारत, जय श्री विश्वकर्मा

धन्यवाद

 

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निर्देश अंकः  200518/08/1.2.0

          दिनांकः 18-05-2020

अन्दरुनी संचार (राजनीतिक प्रकोष्ठ)

प्रेषकः रमेश कुमार जांगड़ा, राष्ट्रीय महासचिव

          प्राप्तकर्ता ः सभी जनसंपर्क अधिकारी

विषय ः  जनसंपर्क अधिकारी की कार्यप्रणाली

निर्देशः

 यह समस्त कार्यकारिणी व्यवस्था का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग है।

* प्रत्येक बूथ स्तर पर अधिकारियों को समाज के परिवारों से संपर्क स्थापित करने से पहले एक प्रशिक्षण अति आवश्यक है।

* प्रत्येक जनसंपर्क अधिकारी को अपनी जिम्मेदारियों से संबन्धित जानकारियों का ज्ञान होना चाहिये। सभी प्रकार के फार्मों के प्रयोग करने की विधि का ज्ञान होनो चाहिये

* प्रथम चरण में हमें जनगणना का कार्य सम्पन्न करना है, जिसके लिये जनगणना का फार्म P258 ही प्रयोग करना है।

* समाज के विश्वकर्मा परिवार से संपर्क करते हुए निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें।

-आपको परिवारों से वार्ता उनकी स्वीकृति से ही करनी है।

-परिवार आपकी बात सुने या माने, यह जरुरी नहीं।

-यह कार्य अपने और अपने परिचित परिवारों से ही शुरु करना है।

-परिवारों से सम्पर्क में वार्ता आरम्भ उनका कुशल-क्षेम पूछ कर करनी है। तत् पश्चात संगठन के लक्ष्य व उद्येश्यों का परिचय देना है।

-किसी भी परिवार में कोई समस्या है, तो पूरी समस्या ध्यान से सुनें और उसे फार्म P078 पर दर्ज करें।

-यह ध्यान रहे कि ऐसी समस्याओं को हल करने के प्राथमिक प्रयास हो चुके हों, इसलिये एक सच्चा प्रयास करने के आश्वासन दें। प्रयास के दौरान पुनः वरिष्ठ अघिकारियों  द्वारा संपर्क किया जा सकता है, यह जानकारी भी दें।

-पूरे परिवार की विस्तृत जानकारी जनगणना फार्म  में दर्ज करें।
(i) स्कूल के, (ii) काँलेज के, (iii) प्रवेश परिक्षा की तैयारी, (iv) प्रशिक्षण में, (v) शादी के लिये बच्चों का घ्यान रखा जाए। यदि कोई (vi) रोजगार तलाश कर रहा है तो उसका भा खयाल रखा जाए। यदि कोई (vii) जरुरत मंद गरीब परिवार हेै और सहायता आपेक्षित है तो खयाल रखा जाए।

-कोई उद्यमी, स्वरोजगार, दूकानदार आदि है तो उसकी जानकारी अलग से फार्म पर दर्ज करें।

-कोई सक्रीय सामाजिक संगठन संपर्क में आता है तो उसकी जानकारी अलग फार्म पर दर्ज करें। 

-यदि कोई नेता या राजनीतिक दृष्टि से सक्रिय व्यक्ति है तो उसका विवरण अलग फार्म पर एकत्र करें।

-यह प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है इस लिये जल्दबाजी न करें।

-प्रत्येक संपर्क किये गए परिवारों को कोई पोस्टर, पेम्पलेट, विजिटिंग कार्ड, कार्यालय का पता सहित अवश्य दें।

-सभी जनसंपर्क अधिकारियों के द्वारा संग्रहित जानकारियाँ गोपनीयता के साथ संवेदनशील हैं, इसलिये इन्हें संजो कर रखना है। यह निश्चित किया जाना चाहिये कि किसी भी जानकारी का कोई दुर्पयोग किसी भी प्रकार से न हो।

-स्थानीय कार्यालय (पार्षद क्षेत्र) सभी जानकारी को सुरक्षित रखें व निर्देशानुसार Website पर प्रेशित करें।

-प्रेषक ABSVM IT CELL का अधिकृत अघिकारी होना चाहिये जो Computer पर कार्य करने में निपुण हो।

-समाज को संगठित व उत्थान में सहयोग की शपथ लेकर हम यह कार्य कर रहे हैं, इसलिये हमरी सेवाएं जितनी भी हैं, उत्कृष्ट होनी चाहियें। सेवा से ही विश्वास जीता जा सकता है। एक सहयोगी व स्वावलंबी समाज को बनाने में यह आपका कदम बहुत महत्वपूर्ण होगा, इसलिये एक सच्चेे विश्वकर्मा की तरह  निःस्वार्थ प्रेम भाव व एकता बनाने में सहयाेगी साबित हों।

जय भारत जय श्री विश्वकर्मा

  

धन्यवाद

 

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निर्देश अंकः  200518/05/1.2.0 

           दिनांकः 18-05-2020

अन्दरुनी संचार

प्रेषकः रमेश कुमार जांगड़ा, राष्ट्रीय महासचिव

           प्राप्तकर्ता ः सभी प्रदेश अध्यक्ष

विषय ः प्रदेश अध्यक्षों की कार्यप्रणाली

निर्देशः

 प्रथम चरणः

- प्रदेश अध्यक्ष कार्यालय के लिये स्थान निश्चित करें व राष्ट्रीय कार्यालय को सूचित करें।

- प्रत्येक प्रदेश अध्यक्ष अपने प्रदेश की कार्यकारिणी का निर्माण (फार्म P071 के अनुसार) करें।

- हर पदाधिकारी प्राथमिक सदस्य  हो। (रू 10)

- हर पदाधिकारी को सदस्यता की विधि (P108 के अनुसार) व सदस्यता शुल्क का ज्ञान हो।

- कार्यकारिणी में वरिष्ठ उपाघ्यक्ष व उपाघ्यक्ष प्रदेश के सम्भाग प्रभारी होंगे। सम्भागों से नियुक्ति करें।

- सम्भाग प्रभारियों की मदद से  सम्भाग में आने वाले जिलों के जिला अध्यक्ष की नियुक्ति व उनकी कार्यकारिणी के निर्माण का कार्य सोंपें।

- प्रत्येक जिले से एक उपाघ्यक्ष व दो कार्यकारिणी सदस्य अवश्य लें।

- महासचिव, कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री, कानूनी सलाहकार, मीडीया प्रभारी, आडिटर अवश्य नियुक्त करें व काम सोंपें। अन्य पदों पर नियुक्ति आवश्यकतानुसार करें।

- प्रदेश अघ्यक्ष एक महीने में कार्यकारिणी का निर्माण सम्पन्न करें, जिसमें कम से कम 11 सदस्य हों।

- कार्यकारिणी की सूचना राष्ट्रीय कार्यालय को दें।

- सभी नए सदस्यों राष्ट्रीय कार्यालय से पंजीकृत हों।

 द्वितीय चरणः

- प्रदेश अघ्यक्ष सदस्यता की औपचारिकताओं को पूरा करके प्रदेश के अधिकृत अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाल सकता है।

- कार्यालय में प्रयोग की जाने वाली लेखन सामग्री राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा दिये गये प्रारूप के अनुसार ही हों, यदि कोई नया आयोजन करना है तो राष्ट्रीय कार्यालय से मंजूरी आवश्यक है।

- प्रदेश अध्यक्ष कार्यकारिणी बनने के बाद सदस्याें के साथ एक बैठक करके यह अधिनियम पास करें कि महासंगठन के आर्थिक कार्याें के लिये एक बैंक खाता खोला जाए (हो सके तो SBI में) और राष्ट्रीय कार्यालय को सोंपे, ताकि बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया आरम्भ की जाए।

- प्रदेश अध्यक्ष के पास अपने क्षेत्र का विस्तृत मानचित्र होना चाहिये। मानचित्र मेंं सम्भागों को चिन्हित करें।

- सभी सदस्यों का विवरण भली प्रकार से (फार्म P074 के अनुसार) रखा जाए।

  तृतीय चरणः

- प्रदेश अध्यक्ष पदाधिकारियों की बैठक तीन माह में एक बार जरूर करें।

- हर बैठक में निम्न बिन्दुओं की समीक्षा हो।

-- संगठन की निर्माण प्रगति, रिक्त स्थानों के भरने के लिये प्रयास।

-- प्राथमिक सदस्यता अभियान की समीक्षा।

-- वाट्सएप्प के द्वारा संचार व प्रसार के लिये सदुपयाेग।

-- मानचित्र के अनुसार सारी योजना बनाएं।

-- क्षेत्र में समाज की व्यापक समस्याएं जो संगठन तक पहुँची हैं, हल करने की जिम्मेदारी पदाधिकारियाें को सोंपें व जरूरी सहायता उपलब्ध कराएं।

-- पुरानी समस्याओं का आंकलन।

-- अन्य बिन्दु जो चर्चा के दौरान उठे हों।

- हर बैठक की रिपोर्ट (P072) राष्ट्रीय सम्भाग प्रभारी से साझा करें। किसी प्रकार की सहायता चाहिये तो स्पष्ट उल्लेख करें।

जय भारत, जय श्री विश्वकर्मा

धन्यवाद

 

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निर्देश अंकः  200518/01/1.2.0
          दिनांकः 18-05-2020

 अन्दरुनी संचार (राजनीतिक प्रकोष्ठ)

प्रेषकः रमेश कुमार जांगड़ा, राष्ट्रीय महासचिव

          प्राप्तकर्ता ः सभी प्रदेश अध्यक्ष (राजनीतिक प्रकोष्ठ)

विषय ः सभी प्रदेश अध्यक्षों की कार्यप्रणाली

निर्देशः

 प्रथम चरणः

- प्रदेश अध्यक्ष (राजनीतिक प्रकोष्ठ) प्रदेश के कार्यालय के लिये स्थान निश्चित करें व राष्ट्रीय कार्यालय को सूचित करें।

- प्रत्येक प्रदेश अध्यक्ष अपने प्रदेश की कार्यकारिणी का निर्माण (फार्म P071 के अनुसार) करें।

- हर पदाधिकारी प्राथमिक सदस्य  हो। (रू 10)

- हर पदाधिकारी को सदस्यता की विधि (P108 के अनुसार) व सदस्यता शुल्क का ज्ञान हो।

- कार्यकारिणी में वरिष्ठ उपाघ्यक्ष  प्रत्येक लोक सभा क्षेत्र से नियुक्ति करें और लोक सभा के कार्यकारिणी के निर्माण का कार्य सोंपें।

- वरिष्ठ उपाघ्यक्ष की मदद से  लोक सभा में लोक सभा क्षेत्र अघ्यक्ष का चयन करें और उनकी कार्यकारिणी के निर्माण में मदद करें।

- प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र से एक उपाघ्यक्ष व दो कार्यकारिणी सदस्य अवश्य लें।

- महासचिव, कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री, कानूनी सलाहकार, मीडीया प्रभारी, आडिटर अवश्य नियुक्त करें व काम सोंपें। अन्य पदों पर नियुक्ति आवश्यकतानुसार करें।

- प्रदेश अघ्यक्ष एक महीने में कार्यकारिणी का निर्माण सम्पन्न करें, जिसमें कम से कम 11 सदस्य हों।

- सभी पदाधिकारी राष्ट्रीय कार्यालय से पंजीकृत हों।

 द्वितीय चरणः

- प्रदेश अघ्यक्ष सदस्यता की औपचारिकताओं को पूरा करके प्रदेश के अधिकृत अघिकारी के रूप में कार्यभार संभाल सकता है।

- कार्यालय में प्रयोग की जाने वाली स्टेशनरी राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा दिये गये प्रारूप के अनुसार ही हों, यदि कोई नया आयोजन करना है तो राष्ट्रीय कार्यालय से मंजूरी आवश्यक है।

- प्रदेश अघ्यक्ष कार्यकारिणी बनने के बाद सदस्याें के साथ एक बैठक करके यह अधिनियम पास करें कि महासंगठन के आर्थिक कार्याें के लिये एक बैंक खाता खोला जाए (हो सके तो SBI में) और राष्ट्रीय कार्यालय को सोंपे, ताकि बैंक अकाउन्ट खोलने की प्रक्रिया आरम्भ की जाए।

- प्रदेश अघ्यक्ष के पास अपने क्षेत्र का विस्तृत मानचित्र होना चाहिये। मानचित्र मेंं लोक सभाओं व विघान सभाओं को चिन्हित करें।

- सभी पदाधिकारीयों का विवरण भली प्रकार से (फार्म P074 के अनुसार) रखा जाए।

  तृतीय चरणः

- प्रदेश अध्यक्ष पदाधिकारियों की बैठक तीन माह में एक बार अवश्य करें।

- हर बैठक में निम्न बिन्दुओं की समीक्षा हो।

-- संगठन की निर्माण प्रगति, रिक्त स्थानों के भरने के लिये प्रयास।

-- प्राथमिक सदस्यता अभियान की समीक्षा।

-- वाट्सएप्प के द्वारा संचार व प्रसार के लिये सदुपयाेग।

-- मानचित्र के अनुसार सारी योजना बनाएं।

-- प्रदेश में होने वाले सभी प्रकार के व सभी स्तर के चुनावों की जानकारी व तालिका तैयार करें।

-- बूथ लेवल तक नियुक्तियाँ जल्द से जल्द करें।

-- क्षेत्र में समाज की व्यापक समस्याएं जो संगठन तक पहुँची हैं, निश्चित अवघी में हल करने की जिम्मेदारी पदाधिकारियाें को सोंपें व जरूरी सहायता उपलब्ध कराएं।

-- पुरानी समस्याओं का आंकलन।

-- अन्य बिन्दु जो चर्चा के दौरान उठे हों।

- हर मीटिंग की रिपोर्ट (P072) राष्ट्रीय सम्भाग प्रभारी से साझा करें। किसी प्रकार की सहायता चाहिये तो स्पष्ट उल्लेख करें।

जय भारत, जय श्री विश्वकर्मा

धन्यवाद